लो जी, पहले आप विद्यार्थियों के बीच मारामारी रहती थी कि परीक्षा में मार्क्स बहुत अच्छे नहीं आए तो UG (under graduate) की कक्षाओं में न मनचाहा विषय मिलेगा और न मनचाहा college और university। सोचिए कितनी बड़ी टेंशन थी। लेकिन भला हो नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) का जिसके कारण अब लेबल प्लेइंग फील्ड उपलब्ध है। खूब खुलकर खेलो। डरने की क्या बात है, CUET ( https:/cuet.samarth.ac.in) है न। बस यूं समझ लीजिए CUET (common universities entrance test) के रूप में छात्रों के हाथ में एक जादुई चिराग लगा है। घिसो औऱ मनचाहा रिजल्ट पाओ। लेकिन यह तब है जब इसे अच्छी तरह से आप जानेंगे। आपके इसी ज्ञान वर्धन के लिए यहां CUET के बारे में सिलसिले वार जानकारी दी जा रही है। CUET (common universities entrance test) मुख्य रूप से UG (under graduate) के लिए है। 12वीं के बाद किसी केंद्रीय विश्वविद्यालय (central university) या तमाम मनचाहे प्राइवेट या डीम्ड विश्वविद्यालयों में एडमिशन लेने के लिए यह व्यवस्था की गई है। यह व्वयवस्था विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC की ओर से की गई है।
पहले तो यह जानिए कि CUET क्या जादुई चिराग है
COMMON UNIVERSITY
ENTRANCE TEST (CUET) खासतौर से 12वीं पास छात्र-छात्रओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण
शब्द बन गया है। क्योंकि COMMON UNIVERSITY ENTRANCE TEST (CUET)
देश के सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों के स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए
आयोजित की जा रही है। इसके अलावा तमाम प्राइवेट और डीम्ड विश्वविद्यालय भी इससे जुड़
गए हैं। इस परीक्षा का मकसद देशभर के कक्षा 12 उत्तीर्ण (Pass) सभी विद्यार्थियों
के उच्च शिक्षा के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय में UG में प्रवेश के ले समान अवसर देते एक स्तर
की परीक्षा द्वारा मूल्यांकन करना है। यही सही मायने में level playing field है, जहां सभी विद्यार्थियों
को अपनी काबिलियत दिखाने का वास्तविक रूप से अवसर मिलता है।
इसके महत्व को इस तरह भी समझ सकते हैं कि पहले अलग
अलग बोर्ड की अलग कहानी हुआ करती थी। कोई कहता था कि यूपी या बोर्ड बहुत कड़ाई से मार्किंग
करता है और बच्चों को मुश्किल से अंक मिलते हैं, तो कहता था कि
सीबीएसई उदारता से मार्किंग करता है जिससे बच्चों को अधिक मार्क्स मिलते हैं। इसका
नतीजा यह होता है कि जिन बोर्ड की मार्किंग कड़ाई होती है वे बच्चे मेरिट में पिछड़ जाते हैं और जिन बोर्ड में
उदारता से मार्किंग होती है वे बच्चे बाजी मार ले जाते हैं, लेकिन अब ये
आरोप-प्रत्यारोप सिरे से ही खारिज हो गए, क्योंकि यूजी
की कक्षाओं में प्रवेश के लिए सबको समान अवसर मिल रहा है। फिलहाल देश के विश्वविद्यालयों
में स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने के लिए इसे सही मायने में अखिल भारतीय प्रवेश
परीक्षा कही जा सकती है। अब यह सोच रहे होंगे कि इतने व्यापक पैमाने पर यह परीक्षा
होती कैसे तो यह भी जान लीजिए कि यह कंप्यूटर
आधारित परीक्षा (CBT यानी Computer based test) है, इसमें बहु विकल्पीय
प्रश्न पूछे जाते हैं। इस परीक्षा का आयोजन राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी द्वारा किया
जाता है। इस परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर ही केंद्रीय या अन्य तमाम विश्वविद्यालय
में प्रवेश पा सकते हैं। अब समझे न क्या बला है CUET।
सरल शब्दों में जानें CUET परीक्षा के लाभ
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कक्षा 12 के विद्यार्थियों
के लिए इस परीक्षा के तमाम लाभ हैं। यह परीक्षा 12वीं पास सभी
बच्चों को समान अवसर उपलब्ध करा रही है। इससे मनचाहे विश्वविद्यालय में प्रवेश पाना
बच्चों के लिए आसान हो गया है।
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इसका दूसरा लाभ
यह है कि पूरे देश में विद्यार्थी कहीं भी रह रहा हो, वह कहीं के भी
केंद्रीय विश्वविद्यालय में प्रवेश आसानी से पा सकेगा। उसे बस CUET परीक्षा में
बेहतर प्रदर्शन करना होगा।
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इसमें वस्तुनिष्ठ
प्रश्न दिए जाते हैं, जिनका उत्तर CBT ( कंप्यूटर आधारित परीक्षा) में देना होगा।
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इस परीक्षा में
अच्छा प्रदर्शन ज्यादा मुश्किल भी नहीं है, बशर्ते विद्यार्थी
अपनी कक्षा 12 की पुस्तक को ही पूरे मनोयोग से पढ़ ले।
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मार्किंग में
गड़बड़ी होने की कोई आशंका भी नहीं है क्योंकि प्रश्नों के उत्तर की जांच कंप्यूटर
द्वारा ही की जाएगी। इतना ही नहीं आपने प्रश्नों के जो उत्तर दिए हैं, उसका आंसर की
(Answer Key) राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) की वेबसाइट पर
अपलोड कर दिया जाता है।
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