उप्र
लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी)
में सदस्यों की नियुक्ति
के प्रति शासन की उदासीनता
अभ्यर्थियों के लिए बहुत
बड़ी परेशानी का कारण
बन गई है।
एक और सदस्य देवी
प्रसाद द्विवेदी मंगलवार
को सेवानिवृत्त हो रहे
हैं। इनकी सेवानिवृत्ती से
पीसीएस मेंस 2016 समेत
अन्य बड़े परिणाम फिर लटक सकते
हैं। साथ ही 28
अक्टूबर को होने वाली
पीसीएस/एसीएफ-आरएफओ
2018 की प्रारंभिक
परीक्षा में कोई आपात स्थिति
आने पर त्वरित निर्णय लेना
भी कठिनाई भरा होगा।
यूपीपीएससी
में जून से अक्टूबर 2018 तक
सात सदस्यों को
सेवानिवृत्त होना है।
इस कारण नियुक्ति और कार्मिक
विभाग ने मई में ही सदस्यों
की नियुक्ति के लिए विज्ञापन
जारी कर आवेदन मांगे थे। लेकिन
नई नियुक्तियां नहीं हो सकी
हैं। इस बीच एक-एक
कर छह सदस्यों की सेवानिवृत्ति
हो गई, 16 अक्टूबर को
देवी प्रसाद द्विवेदी की भी
यूपीपीएससी से विदाई हो जाएगी।
ऐसे में अध्यक्ष अनिरुद्ध
सिंह यादव समेत प्रशासनिक व
परीक्षा विभाग के अधिकारियों
पर पीसीएस मेंस 2016, सम्मिलित
राज्य अभियंत्रण सेवा और
आरओ-एआरओ प्रारंभिक
परीक्षा 2017 का परिणाम
जारी करने का भारी दबाव आ गया
है। क्योंकि परिणाम अध्यक्ष
और सदस्यों से स्वीकृति मिलने
पर ही जारी होते हैं।
परिस्थितियों
के मद्देनजर अध्यक्ष ने
यूपीपीएससी के हालात बताते
हुए शासन से अनुरोध किया है
कि सदस्यों की नियुक्ति जल्द
की जाए। हालांकि इस संबंध में
एक पत्र अगस्त में भी भेजा जा
चुका है। कार्यवाही आगे न बढऩे
पर रिमाइंडर भेजा गया। सचिव
जगदीश का कहना है कि परीक्षाएं
तो कराई जा रही हैं लेकिन,
परिणाम जारी करने में
भविष्य में दिक्कत आएगी। ऐसे
में सदस्यों की नियुक्ति जल्द
होना आवश्यक है।

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