एमफिल और पीएचडी
के दाखिले से जुड़े नियमों
में सरकार बदलाव करने
जा रही है। इस बदलाव के तरह
इनमें प्रवेश के
लिए अकेले साक्षात्कार
ही चयन का आधार नहीं
बनेगा। लिखित परीक्षा के भी
अंकों को जोड़कर योग्यता सूची
(मेरिट
लिस्ट) तैयार
की जाएगी।
इस मेरिट लिस्ट
के आधार पर ही छात्रों
को इन पाठ्यक्रमों
में प्रवेश देने
की योजना है। नई व्यवस्था में
लिखित परीक्षा
के लिए 70 प्रतिशत अंक निर्धारित रहेंगे। इंटरव्यू के लिए 30 प्रतिशत अंक रहेंगे। हालांकि अभी भी इन पाठ्यक्रमों ें प्रवेश के लिए लिखित परीक्षा और साक्षात्कार की व्यवस्था है। लेकिन, मौजूदा नियमों के मुताबिक, लिखित परीक्षा पास करने के बाद छात्र सिर्फ इंटरव्यू तक ही पहुंच सकते हैं। दाखिले के लिए इंटरव्यू में अच्छे नंबर पाना जरूरी है। इस व्यवस्था को लेकर छात्रों के एक बड़े वर्ग में असंतोष है। छात्रों की शिकायत थी कि मौजूदा व्यवस्था में लिखित परीक्षा में अच्छे अंक मिलने के बाद भी उन्हें प्रवेश नहीं मिल पा रहा है। छात्रों ने इंटरव्यू टीम पर भी भेदभाव करने के आरोप लगाए थे। सूत्रों की मानें तो सरकार ने छात्रों की शिकायतों को देखते हुए पूरी व्यवस्था को पारदर्शी बनाने की दिशा में कदम उठाया है। इसके तहत लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के अंकों को जोड़कर मेरिट लिस्ट के आधार पर प्रवेश देने की योजना बनाई गई है। बताया तो यही जा रही है कि इस पूरी योजना को लेकर मंत्रालय र यूजीसी के बीच चर्चा हो चुकी है और इस बदलाव को लेकर उनमें सहमति भी बन चुकी है। ऐसे में इसे लेकर जल्द ही नया नोटीफिकेशन जारी होने की उम्मीद है। दो महीने के भीतर ही सरकार एमफिल और पीएचडी के लिए न्यूनतम मानदंड और प्रक्रिया नियमों में दूसरा बदलाव करने की तैयारी में है।
के लिए 70 प्रतिशत अंक निर्धारित रहेंगे। इंटरव्यू के लिए 30 प्रतिशत अंक रहेंगे। हालांकि अभी भी इन पाठ्यक्रमों ें प्रवेश के लिए लिखित परीक्षा और साक्षात्कार की व्यवस्था है। लेकिन, मौजूदा नियमों के मुताबिक, लिखित परीक्षा पास करने के बाद छात्र सिर्फ इंटरव्यू तक ही पहुंच सकते हैं। दाखिले के लिए इंटरव्यू में अच्छे नंबर पाना जरूरी है। इस व्यवस्था को लेकर छात्रों के एक बड़े वर्ग में असंतोष है। छात्रों की शिकायत थी कि मौजूदा व्यवस्था में लिखित परीक्षा में अच्छे अंक मिलने के बाद भी उन्हें प्रवेश नहीं मिल पा रहा है। छात्रों ने इंटरव्यू टीम पर भी भेदभाव करने के आरोप लगाए थे। सूत्रों की मानें तो सरकार ने छात्रों की शिकायतों को देखते हुए पूरी व्यवस्था को पारदर्शी बनाने की दिशा में कदम उठाया है। इसके तहत लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के अंकों को जोड़कर मेरिट लिस्ट के आधार पर प्रवेश देने की योजना बनाई गई है। बताया तो यही जा रही है कि इस पूरी योजना को लेकर मंत्रालय र यूजीसी के बीच चर्चा हो चुकी है और इस बदलाव को लेकर उनमें सहमति भी बन चुकी है। ऐसे में इसे लेकर जल्द ही नया नोटीफिकेशन जारी होने की उम्मीद है। दो महीने के भीतर ही सरकार एमफिल और पीएचडी के लिए न्यूनतम मानदंड और प्रक्रिया नियमों में दूसरा बदलाव करने की तैयारी में है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।