11/03/2018

उत्तर प्रदेश में सरकार का अब 18890 कंपोजिट स्कूल बनाने का इरादा

लखनऊ : अभी तक उत्तर प्रदेश में परिषदीय और उच्च प्राथमिक स्कूल अलग-अलग चलते हैं, लेकिन बेसिक शिक्षा परिषद अब इसमें कुछ बदलाव करने की सोच रहा है। उसकी इच्छा है कि एक ही परिसर में अलग-अलग भवनों में चल रहे परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों का आपस में विलय कर उन्हें कक्षा एक से आठ तक के कंपोजिट स्कूल बना दिए जाएं। उत्तर प्रदेश में ऐसे 18 हजार से ज्यादा कंपोजिट स्कूल संचालित किए जा सकेंगे।
बेसिक शिक्षा परिषद की गत 22 अक्टूबर को बैठक हुई थी। इस बैठक में कर एक ही परिसर में अलग-अलग भवनों में संचालित प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों का आपस में विलय कर उन्हें एक (कंपोजिट) विद्यालय के रूप में संचालित करने का फैसला किया था। ऐसे में एक समस्या यह होनी थी कि प्रधानाध्यापक कौन होगा। क्योंकि अभी तक दोनों के अलग अलग प्रधानाध्यापक होते आए हैं। इस समस्या के समाधान के लिए तय हुआ था कि परिसर में संचालित सभी विद्यालयों में कार्यरत प्रभारी प्रधानाध्यापकों/प्रधानाध्यापकों में वरिष्ठतम ही कंपोजिट विद्यालय का प्रधानाध्यापक होगा जो विद्यालय का वित्तीय और प्रशासनिक नियंत्रण करेगा।
मालूम हो प्रदेश में एक ही परिसर में संचालित परिषदीय विद्यालतीन प्रकार के हैं। कुछ परिसर ऐसे हैं जिनमें एक ही कैंपस में एक प्राथमिक और एक उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं। कुछ ऐसे हैं जिनमें दो प्राथमिक विद्यालय और एक उच्च प्राथमिक स्कूल हैं। वहीं कुछ परिसर ऐसे हैं जिनमें दो प्राथमिक स्कूल हैं। वर्ष 2017-18 के यू-डायस डाटा के मुताबिक प्रदेश में 18890 उच्च प्राथमिक विद्यालय ऐसे हैं जिनके परिसर में प्राथमिक विद्यालय भी संचालित हैं। उच्च प्राथमिक विद्यालयों के साथ संचालित होने वाले प्राथमिक विद्यालयों की संख्या 19820 है।
इस प्रकार प्रदेश में 38710 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों के विलय से कक्षा एक से आठ तक के 18990 कंपोजिट विद्यालय संचालित हो सकेंगे।

कंपोजिट विद्यालय बनने से ये होंगे फायदे
अभी तक अलग अलग स्कूल होने से उसमें ज्यादा जनशक्ति की आवश्यकता पड़ रही है। जबकि एक ही परिसर में संचालित प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को यदि एक समेकित विद्यालय के तौर पर संचालित किया जाए तो जनशक्ति का बेहतर उपयोग करना संभव हो जाएगा। प्रत्येक कक्षा के लिए एक शिक्षक की व्यवस्था और हर कक्षा के लिए एक क्लास रूम उपलब्ध हो सकेगा। कंपोजिट स्कूलों के विद्यार्थियों को विभिन्न विषयों के शिक्षकों के शिक्षण अनुभवों का लाभ मिल सकेगा। एक ही परिसर में अलग-अलग संचालित स्कूलों को एक कर शिक्षक-छात्र अनुपात को भी बेहतर बनाया जा सकेगा।
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विलय के लिए यह करनी पड़ेगी कार्यवाही
स्कूल में कक्षा एक से आठ तक राइट टु एजुकेशन (आरटीई) मानक के अनुसार ही कार्यवाही की जाएगी। आगामी शैक्षिक सत्र में 30 सितंबर 2018 की छात्र संख्या के आधार पर समायोजन की कार्यवाही होगी। विलय के बाद इन विद्यालयों में पदों की गणना विलय होने वाले स्कूलों के पदों के आधार पर की जाएगी। कंपोजिट स्कूल में प्रधानाध्यापक का एक ही कार्यालय होगा। परिसर के सभी विद्यालयों में गठित विद्यालय प्रबंध समितियों को भंग कर कंपोजिट स्कूल के लिए एक विद्यालय प्रबंध समिति गठित की जाएगी।

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