11/04/2018

सिग्नेचर ब्रिज की कुतुबमीनार से है दोगुनी ऊंचाई, जानिए इसकी क्या है खासियतें ?

दिल्ली को आधुनिक जमाने का एक ऐसा अनूठा उपहार मिला है, जो उसकी खूबसूरती में और इजाफा करेगा। यह उपहार है सिग्नेचर ब्रिज, जो बनकर तैयार है। रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पुल का उद्घाटन करेंगे। यह ब्रिज पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनेगा। इसके शीर्ष पर जाकर दिल्ली की विहंगम तस्वीर देखी जा सकेगी।

सिग्नेचर ब्रिज की ऊंचाई कुतुबमीनार (73 मीटर) से दोगुनी से भी ज्यादा है। सबसे ऊपर करीब 22 मीटर ऊंचा ग्लास का एक बॉक्स बनाया गया है। बॉक्स के अंदर से लोग बाहर का नजारा देख सकेंगे। इसके लिए चार एलिवेटर लगाए गए हैं। सिग्नेचर ब्रिज के सहारे एक बार में कुल 50 लोग पुल के शीर्ष तक पहुंच सकेंगे।
करीब 1518.37 करोड़ रुपये की लागत से तैयार ब्रिज पर 19 स्टे केबल्स हैं। सिग्नेचर ब्रिज का मुख्य आकर्षण उसका मुख्य पायलोन है। पायलोन के चारों तरफ शीशे लगाए गए हैं और लिफ्ट के जरिए जब लोग यहां पर पहुंचेंगे तो उन्हें यहां से दिल्ली का टॉप व्यू देखने को मिलेगा। प्रोजेक्ट की योजना करीब 13 साल पहले शुरू की ग थी। 2004 में मंजूर इस प्रोजेक्ट को 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स से पहले तैयार होना था।
गौरतलब है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने 2004 में सिग्नेचर ब्रिज प्रोजेक्ट तैयार किया था। दिल्ली कैबिनेट ने प्रोजेक्ट को 2007 में मंजूरी दी। शुरुआती योजना कॉमनवेल्थ गेम्स से पहले करीब 1131 करोड़ रुपये लागत से प्रोजेक्ट तैयार करने की थी। प्रोजेक्ट में लगातार देरी होती रही। वर्ष 2015 में इसकी लागत करीब 1594 करोड़ रुपये हो गई।

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