11/03/2018

स्वस्थ रहना है तो नमस्ते करना मत भूलिए, जानिए इसके वैज्ञानिक कारण


भारत की तमाम परंपराएं अपने आप में अनूठी हैं। दोनों हाथ जोड़कर गर्मजोशी से नमस्ते करना भी इनमें से एक है। हम भारतीय जब भी किसी परिचित या रिश्तेदार से मिलते हैं तो अभिवादन के रूप में नमस्ते करते हैं। जबकि बाहर के देशों में लोग एक दूसरे से मिलते समय उनसे हाथ मिलाते हैं और फिर हेलो बोलते हैं। लेकिन क्या कभी आप ने इस बारे में सोचा है कि आखिर हम नमस्ते ही क्यों बोलते हैं और पीछे क्या कारण है? इस पर विचार कीजिए। बहुत सारी बातें समझ में आ जाएंगी। अभी भी नहीं समझ सके तो आइए हम आपको बताते हैं।

 स्वस्थ रहना है तो नमस्ते करना मत भूलिए, जानिए इसके वैज्ञानिक कारण


नमस्ते करने के पीछे भी एक दिलचस्प वैज्ञानिक कारण है, जब भी दोनों हाथों को जोड़ते हैं तो अंगुलियों के सिरों पर दबाव बढ़ता है। उंगलियों के ये सिरे आपके कान, आंख और मस्तिष्क के नसों के सिरे से जुड़े हुए रहते हैं और इनसे आपकी याददाश्त बेहतर होती है। जब आप हाथों को जोड़ते हैं तो ये प्रेशर पॉइंट्स एक्टिवेट हो जाते हैं, जिससे आपको सामने वाले से मिलते समय उसकी सारी जानकारी याद हो जाती है।
इसके अलावा जब आप अपने हाथों को अनहत चक्र के पास लेकर जाते हैं, तो यह एक्टिव हो जाता है जिससे आपके शरीर से निकली हुई पॉजिटिव एनर्जी सामने वाले को मिलने लगती है। कई योग मुद्राओं जैसे कि वृक्षासन और वीरभद्रासन में भी योग के दौरान नमस्ते किया जाता है।

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