3/29/2020

क्या आप सच्चे देशभक्त हैं ? आपका जवाब खोलेगा बहुत लोगों के भेद

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पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस के खौफ में जी रही है। महामारी से पूरी दुनिया पस्त है। भारत में भी यह बीमारी तेजी से पांव पसार रही है। ऐसे में भारत सरकार और राज्य सरकारें विभिन्न कदम उठा रही हैं।

3/28/2020

रामायण धारावाहिक एक बार फिर दर्शकों को भक्ति में करेगा सराबोर

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देश में कोरोना वायरस के संक्रमण ने लोगों को घरों में सीमित रहने के लिए मजबूर कर दिया है। तमाम लोगों के दिन मुश्किल से कट रहे हैं। लोगों को घरों में ही सिमट कर रहने के लिए तमाम स्तर पर तमाम प्रयास हो रहे हैंकोई आनलाइन अंताक्षरी खेल रहा है तो कोई गेम, कोई यूट्यूब पर समय बिता रहा है तो कोई टीवी के कार्यक्रमों के सहारे दिन गुजार रहा है।

3/14/2020

कानून है पुराना, पर कोरोना से निपटने का बन सकता है सबसे कारगर हथियार

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भारत वास्तव में बहुत अनोखा देश है। इतने उतार-चढ़ाव से गुजरा है कि हर तरह की मुसीबतों से बचाव का रास्ता इसने खोज लिया है। पर मुश्किल यह है कि यह हमें तब याद आता है, जब मुसीबतों से बाहर निकलने का कोई रास्ता हमें नहीं सूझता।

3/05/2020

कोरोना वायरस ने पसारा पांव, हो जाएं सावधान (DO2WIN)

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(DO2WIN), नई दिल्ली भारत में कोरोना वायरस लगातार पांव पसारता जा रहा है। बुधवार सुबह तक 29 मामले सामने आ चुके थे। सबसे ताजा तरीन मामलों में आंध्र प्रदेश में कोरोना वायरस के तीन संदिग्ध मरीजों की जानकारी हुई है।

3/04/2020

बहुत दिलचस्प है भारत में बैंकिंग का इतिहास

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यूं तो भारत में बैंकिंग का इतिहास काफी पुराना है। देखा जाए तो देश में पहला बैंक बैंक आफ हिंदुस्तान 1770 स्थापित हुआ था। इसकी स्थापना एलेग्जेंडर एंड कंपनी ने की थी।

क्या हम रैपिडो बाइक से जुड़ कर अपनी जीविका चला सकते हैं?

यह स्टार्टअप के तहत शुरू किया गया कारोबार है। कुछ इसी तरह का कारोबार बाइक बोट ने शुरू किया था। लेकिन उसका उद्देश्य कारोबार चलाना नहीं, लोगों को धोखा देकर लूटना था। ऐसे किसी भी कारोबार से जुड़कर आजीविका चलाना बुरा नहीं है।

वर्चुअल क्लास रूम किसे कहते हैं क्या ये लाभकारी होता है?

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वर्चुअल क्लासरूम का अर्थ है आभासी कक्षा। यानी जहां परंपरागत कक्षा में छात्र औऱ शिक्षक एक ही कक्षा में रहकर एक दूसरे से संवाद करते हैं। शिक्षक छात्रों के प्रश्नों का उत्तर देता है।

बहरीन मे नागरिकता मिलना आसान है या नहीं

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बहरीन किंगडम एक खुला साम्राज्य है। वहां महानगरीय जीवनशैली का आनंद लेने के लिए हर कोई स्वतंत्र है। वहां बिना किसी भेदभाव के सभी नागरिकताओं का स्वागत है। नागरिकता की बात करें तो बहरीन नागरिक का बच्चा जन्म से ही वहां का कानूनी तौर पर नागरिक होता है। सभी को समानता और न्याय सुनिश्चित करने के लिए वहां 1963 में बहरीन राष्ट्रीयता कानून लागू किया गया। वहां के पासपोर्ट के लिए कुछ नियम, शर्तों, आवश्यक दस्तावेज का होना जरूरी होता है। इसी के आधार पर आगे वहां राष्ट्रीयता और नागरिकता प्रदान की जाती है। बहरीन की सरकार जीवन की गुणवत्ता, अपने मूल्यों और संस्कृति की गुणवत्ता बरकरार रखने के प्रति बहुत ही सख्त है। बहरीन की स्थायी नागरिकता के लिए कुछ निश्चित नियम शर्तों को मानना बहुत जरूरी है। उन अर्हताओं को पूरा करने के बाद ही किसी को बहरीन की नागरिकता प्रदान की जाती है। जो बहरीन में रहते हैं और वहां की नागरिकता चाहते हैं उन्हें निम्न बातों का ध्यान रखना पड़ेगा। बहरीन की नागरिकता के लिए वहां कम से कम 25 साल का निवासी होता चाहिए ( अरब देशों के लिए यह 15 साल है)। उसका चाल-चलन, आचरण अच्छा हो, अरबी भाषा अच्छी तरह से जानता हो। बहरीन में अपनी कोई स्थायी संपत्ति हो।। बहरीन की यदि कोई महिला अन्य देश के नागरिक से शादी कर लेती है तो उसकी नागरिकता तब तक समाप्त नहीं होगी, जब तक कि वह खुद ही अपने पति के देश की नागरिकता न स्वीकार कर ले। बहरीन की नागरिकता के निम्न दस्तावेज आवश्यक हैं-   

पासपोर्ट की मूल और कॉपी
आइडेंटिटी कार्ड की मूल और फोटोस्टेट कॉपी
जन्म प्रमाणपत्र की मूल और फोटोस्टेट कॉपी
दो फोटो
यदि पासपोर्ट में नाम स्पष्ट न हो रहा हो तो कोई ऐसा दस्तावेज जो पूरा नाम स्पष्ट करता हो
राष्ट्रीयता प्रमाणपत्र की मूल और फोटोस्टेट कॉपी
वर्तमान में बहरीन निवास की मूल और फोटोस्टेट कॉपी
बहरीन की नागरिकता प्राप्त करने के लिए स्वघोषित घोषणापत्र 

3/03/2020

नैचुरल राइट्स एंड हिस्ट्री के लेखक कौन है?

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मौजूदा दौर की राजनीतिक और सामाजिक व्यवस्था और सिद्धांतों में प्राकृतिक अधिकार बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा है। हमें समझना होगा कि अधिकार दो प्रकार के होते हैं। इनमें से एक है प्राकृतिक अधिकार। प्राकृतिक अधिकार वह होता है जो प्रत्येक व्यक्ति को जन्म से ही प्राप्त होता है। इसे समाज  या राज्य द्वारा निरस्त नहीं किया जा सकता। सही कहें तो यही मानव के मूल अधिकार भी हैं, जिन्हें मानवाधिकार कहते हैं। जैसे जीवन जीने का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, समानता का अधिकार, शोषण के विरुद्ध अधिकार, शिक्षा का अधिकार इत्यादिइन अधिकारों को सामाजिक, सांस्कृतिक, आधिकारिक या राजनैतिक नियमों और रीति-रिवाजों द्वारा प्रतिबंधित या निरस्त नहीं किया जा सकता है। दूसरे तरह के अधिकार को विधिक अधिकार कहते हैं, जो समाज और विधि द्वारा प्रदान किए जाते हैं। इन अधिकारों को संचालित, प्रतिबंधित और निरस्त किया जा सकता है। प्राकृतिक अधिकारों और इसके इतिहास को लेकर जर्मन निवासी लियो स्ट्रॉस ने पुस्तक लिखी है-नेचुरल राइट एंड हिस्ट्री। लियो स्ट्रॉस जर्मन-अमेरिकन फिलास्फर थे। उनका जन्म 20 सितंबर 1899 में जर्मनी में हुआ था और निधन 18 अक्टूबर 1973 को अमेरिका में हुआ था।  

3/02/2020

किस देश ने दोहरी नागरिकता की नीति को मान्यता दी हैं

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हर देश में नागरिकता का अपना कानून है। इसके अलावा कुछ देश दोहरी नागरिकता को मान्यता देते हैं। इसी तरह कुछ देश कई देशों की नागरिकता को मान्यता देते हैं।

नागरिकता कानून में मुसलमानों के साथ इंसाफ या नाइंसाफी

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भारत में नागरिकता कानून में मुसलमानों के साथ कोई नाइंसाफी नहीं है। हमारे देश में नागरिकता को लेकर बहुत ही स्पष्ट कानून है। जरूरत के मुताबिक समय के साथ-साथ गत 70 वर्षों में कई बार इसमें कई बार संशोधन हुआ है।